कुर्सी कनेक्शन: कोई पद नहीं, फिर भी सरहद से अगली पंक्ति में पहुंचे पायलट, मंत्रियों के बगल में बैठेंगे
सचिन पायलट की बगावत और फिर सुलह के बाद बहुमत सााबित करने, 14 अगस्त को बुलाए गए विधानसभा सत्र में उन्हें पीछे किनारे पर बैठने को जगह दी गई थी।
राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र 10 फरवरी से शुरू होने जा रहा है. कोरोना काल के बीच शुरू हो रहे सत्र में कोरोना प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा जाएगा. लिहाजा इसके लिए विधायकों के बैठने की व्यवस्था भी खास की गई है. पूर्व डिप्टी CM सचिन पायलट के पास भले ही अभी कोई पद न हो, लेकिन विधानसभा के भीतर उन्हें मंत्रियों के बगल में आगे की लाइन में ही बैठने की जगह दी गई है।
सदन में एंट्री के लिए गेट पर फेस डिटेक्शन सेंसर लगाया गया है. लिहाजा विधानसभा की लॉबी में विधायकों के अलावा किसी को भी एंट्री नहीं मिलेगी.
सचिन पायलट की बगावत और फिर सुलह के बाद बहुमत सााबित करने, 14 अगस्त को बुलाए गए विधानसभा सत्र में उन्हें पीछे किनारे पर बैठने को जगह दी गई थी। उस वक्त सीट बदलने के मुद्दे पर सचिन पायलट ने सदन में कहा था कि जो सबसे मजबूत होता है उसे ही बॉर्डर पर भेजा जाता है, मजबूती से सामना किया जाएगा।
सचिन पायलट की सीट बदलने का मुद्दा सियासी हलकों में देखते ही देखते चर्चा का मुद्दा बन गया था। गौरतलब है कि सियासी संकट के बाद 14 अगस्त बुलाए गए विधानसभा सत्र में सीएम अशोक गहलोत की बगल वाली सीट (Seat) पर सचिन पायलट की जगह संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल जगह दी गई थी. चूंकि सचिन पायलट मंत्री नहीं हैं इस लिए उन्हें 127 नंबर की सीट दी गयी थी, जो कि निर्दलीय विधायक संजय लोढ़ा के बगल में थी.
बता दें कि सदनों में विधायकों या सांसदों के बैठने के तरीके को लेकर कुछ नियम तय हैं. जिसके मुताबिक़ सभी सदस्यों को बैठाया जाता है. सदन में कौन-कहां पर बैठेगा इसे तय करने का अधिकार स्पीकर के पास होता है.