Cabinet Expansion MP: सिंधिया खेमे की बढ़ी चाहत, मंत्रिमंडल विस्तार आठ को संभावित
मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार आठ दिसंबर को हो सकता है। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल इससे पहले मप्र आ रही हैं।
मध्यप्रदेश में एक बार फिर शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। सीएम शिवराज और पीएम मोदी के बीच हुई मुलाकात के बाद इस बात की चर्चा जोरो पर है कि जल्द ही सीएम शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार आठ दिसंबर को हो सकता है। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल इससे पहले मप्र आ रही हैं। उनके सात दिसंबर को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व भी जाने की संभावना है। लिहाजा अगले दिन मंत्रियों की शपथ का कार्यक्रम हो सकता है। दरअसल मध्यप्रदेश में हुए उपचुनाव में 28 में से 19 सीटें जीतकर बीजेपी ने बहुमत प्राप्त कर लिया है। हालांकि उपचुनाव में बीजेपी के तीन मंत्रियों की हार हुई है। अब कैबिनेट में खाली पड़े 6 सीटों पर किनकी किस्मत चमकेगी? इसका निर्णय किया जा सकता है।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट में 28 मंत्री मौजूद है, जबकि 6 पद अभी खाली पड़े हैं। हालांकि खाली पड़ी छह सीटों में दो पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के कैंप के तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत की शपथ होनी हैं जबकि 4 पदों पर बीजेपी अपने खेमे से बना सकती हैं लेकिन सिंधिया खेमा चाहता है कि सिलावट और राजपूत के अलावा भी उनकी तरफ के 1 या 2 लोग को मंत्री बनाया जाए।
ज्योतिरादित्य सिंधिया कैंप के तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत चूंकि उपचुनाव के दौरान इस्तीफा दे चुके थे, लिहाजा चुनाव जीतने के बाद उनकी शपथ होनी है। एक दिन पहले राजपूत और सिलावट ने सिंधिया के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से उनके निवास पर मुलाकात की। पार्टी सूत्रों का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच बातचीत हो गई है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख नेताओं से भी सिलावट और राजपूत की मुलाकात हो गई है।
हालांकि उपचुनाव के बाद पिछले दिनों महाराज सिंधिया भोपाल पहुंचे और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। सिंधिया का कहना है कि कैबिनेट विस्तार मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। वहीं हारे हुए मंत्रियों के इस्तीफे पर सिंधिया ने कहा कि सीएम शिवराज सिंह चौहान से हारे हुए मंत्रियों की चर्चा हो चुकी है। हारे हुए मंत्रियों को निगम मंडल में एडजस्ट करने पर सिंधिया का जवाब था कि ये संगठन तय करेगा। जिसने मेहनत की है उसे पार्टी हमेशा आगे करती है। उपचुनाव के दौरान बीजेपी में भितरघात पर सिंधिया ने जवाब दिया कि हम समीक्षा करेंगे।