रैन बसेरों पर सीएम योगी का दिशा-निर्देश, कोविड-19 जांच से लेकर शीत लहर के लिए हो सभी इंतजाम
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सर्दियों की आहट होते ही रैन-बसेरों की व्यवस्थाएं मुकम्मल करने के निर्देश दिए हैं। लखनऊ से निर्देश आने के बाद से अधिकारी व्यवस्थाएं बनाने में जुट गए हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सर्दियों की आहट होते ही रैन-बसेरों की व्यवस्थाएं मुकम्मल करने के निर्देश दिए हैं। लखनऊ से निर्देश आने के बाद से अधिकारी व्यवस्थाएं बनाने में जुट गए हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि अगले तीन दिन में रैन बसेरों की सुरक्षा तथा साफ-सफाई का प्रबंध कर लिया जाएगा। अस्थायी रैन बसेरे भी स्थापित कर ली जाए। वहां गार्ड की व्यवस्था भी किए जाने को कहा है।
इसके साथ ही उन्होंने फुटपाथ पर सोए लोगों को रैन बसेरों में पहुंचाने की जिम्मेदारी नगर मजिस्ट्रेट, तहसील स्तर पर तहसीलदार और थाना स्तर पर थानाध्यक्ष को दी है। अस्पताल परिसर में खुले में सोने वाले तीमारदारों को वहां बने रैन बसेरों में रखने को कहा है। उन्होंने कंबल वितरण और अलाव जलाने के प्रबंध करने के निर्देश भी दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद नगर निगम में अधिकारी सक्रिय हो गए हैं।
रैन बसेरों में कोविड-19 की जांच की व्यवस्था हो
इसके अलावा सीएम योगी ने रैन बसेरों में स्वच्छता तथा सेनिटाइजेशन सहित सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की बात कही है। रैन बसेरों के संचालन में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाए। उन्होंने रैन बसेरों में कोविड-19 की जांच की व्यवस्था आवश्यक रूप से किए जाने के निर्देश भी दिए हैं।
यह जानकारी शनिवार को राज्य सरकार के प्रवक्ता ने दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी के निर्देशों के अनुपालन में रैन बसेरों के संचालन के संबंध में शासन द्वारा दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। अपर मुख्य सचिव राजस्व द्वारा एक परिपत्र के माध्यम से समस्त जिलाधिकारियों एवं मण्डलायुक्तों को शीत लहर से बचाव हेतु समस्त तैयारियां 10 नवंबर, 2020 तक प्रत्येक दशा में पूर्ण कर रैन बसेरों का संचालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
अपर मुख्य सचिव राजस्व द्वारा जारी सर्कुलर में वैश्विक महामारी कोविड-19 से उत्पन्न स्थिति, ठंड एवं शीतलहरी से उत्पन्न होने वाली समस्याओं के तहत असहाय एवं कमजोर वर्ग के असुरक्षित व्यक्तियों को राहत पहुंचाने के लिए की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा इसमें ये भी कहा गया है कि आश्रयहीन व्यक्तियों हेतु रैन बसेरों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाय, कोई भी व्यक्ति रात में सड़क अथवा फुटपाथ पर सोने के लिए बाध्य न हो। इन रैन बसेरों, शेल्टर होम में रुकने वाले कमजोर वर्ग के लोगों को ठंड से बचाने के लिए आवश्यक समस्त उपाय जैसे-गद्दे, कंबल, स्वच्छ पेयजल, शौचालय एवं किचन आदि का प्रबंध निःशुल्क किया जाय। साथ ही इन रैन बसेरों के आस-पास अलाव जलाने की व्यवस्था की जाए।
प्रत्येक रैन बसेरे के लिए एक उपयुक्त वरिष्ठता का नोडल अधिकारी नामित किया जाए, जिस पर रैन बसेरे के संचालन का उत्तर दायित्व होगा। समस्त रैन बसेरों में केयर टेकर भी तैनात किए जाएं, जिसका नाम, पदनाम मोबाइल नंबर रैन बसेरों के गेट पर अवश्य दर्शाया जाए। रात में जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रैन बसेरों का औचक निरीक्षण अवश्य किया जाए। रैन बसेरों के केयर टेकर के पास निरीक्षण रजिस्टर भी रखा जाए जिसमें निरीक्षण अधिकारी अपनी टिप्पणी भी अंकित करें। इसके साथ ही समस्त चिकित्सालयों, मेडिकल कालेजों, बस स्टेशनों, रेलवे स्टेशनों, श्रमिकों के कार्य स्थलों, एवं बाजारों में अनिवार्य रूप से रैन बसेरे संचालित किए जाएं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम एवं विकास प्राधिकरण आदि विभागों का भी अपेक्षित सहयोग लिया जाए।
रैन बसेरों में ऐसे जरूरतमंद व्यक्तियों, जिनके पास ठहरने की सुविधा नहीं है तथा विशेष रूप से जो चिकित्सा एवं रोजगार आदि के लिए बाहर से आये हैं उन्हें खुले में अथवा फुटपाथ एवं सड़कों के डिवाइडर पर न सोना पड़े, बल्कि निकटस्थ रैन बसेरा में रहने की पूर्ण सुविधा उपलब्ध करायी जाए। रैन बसेरा में समस्त सुविधाएं अच्छी व गुणवत्ता पूर्ण हों तथा इसमें साफ सफाई, साफ-सुथरे बेड शीट, कंबल, गरम पानी तथा सुरक्षा आदि की व्यवस्था की जाए।