सीएम गहलोत ने राष्ट्रपति से मांगा मिलने का समय, समय नहीं मिला'
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है. साथ ही गहलोत ने बताया है कि उन्होंने राष्ट्रपति से मिलने का वक्त मांगा. लेकिन उन्हें राष्ट्रपति की ओर से समय नहीं दिया गया.
सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों, किसान सगंठनों, कृषि विशेषज्ञों से बिना चर्चा किए तीनों कृषि कानून बनाए। इन तीनों कानूनों को संसद में भी आनन-फानन में बिना चर्चा किए बहुमत के दम पर असंवैधानिक तरीके से पास भी करा दिया गया। जबकि विपक्ष इनको सेलेक्ट कमेटी को भेजकर चर्चा की मांग कर रहा था। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है. साथ ही गहलोत ने बताया है कि उन्होंने राष्ट्रपति से मिलने का वक्त मांगा. लेकिन उन्हें राष्ट्रपति की ओर से समय नहीं दिया गया.
फिर हम सभी चारों कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने महामहिम राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा जिससे किसानों की बातें रख सकें लेकिन राष्ट्रपति महोदय की कोई मजबूरी रही होगी इस कारण हमें समय नहीं मिल सका।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 4, 2020
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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इन बिलों पर किसी से कोई चर्चा नहीं की जिसके चलते आज पूरे देश के किसान सड़कों पर हैं. नये किसान कानूनों पर किसानों की बात रखने के लिये पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने महामहिम राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया. फिर हम सभी चारों कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने महामहिम राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा जिससे किसानों की बातें रख सकें लेकिन राष्ट्रपति महोदय की कोई मजबूरी रही होगी इस कारण हमें समय नहीं मिल सका.
किसानों की बात केंद्र सरकार ने नहीं सुनी जिसके कारण आज किसान पूरे देश में आंदोलन कर रहे हैं। लोकतंत्र के अंदर संवाद सरकार के साथ इस प्रकार कायम रहते तो यह चक्का जाम के हालात नहीं बनते एवं आम जन को तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ता। केंद्र सरकार को अविलंब तीनों नये कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिये और अन्नदाता के साथ किये दुर्व्यवहार के लिये माफी मांगनी चाहिये।