CM गहलोत ने गुर्जर आंदोलनकारियों से की अपील, सरकार की कमेटी से करें वार्ता

रेलवे ट्रैक बाधित करने वाले गुर्जर आंदोलनकारियों के खिलाफ रेल प्रशासन और RPF ने मुकदमें दर्ज करने की तैयारियां शुरू कर दी हैं.

CM गहलोत  ने गुर्जर आंदोलनकारियों से की अपील, सरकार की कमेटी से करें वार्ता

राजस्थान में गुर्जर आंदोलन की आग तेजी से फैल रही है जो गहलोत सरकार की चिंताएं लगातार बढ़ा रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत  ने गुर्जर आंदोलनकारियों से सरकार की कमेटी से वार्ता करने की अपील की है. गुर्जर आंदोलन के सवाल पर सीएम ने कहा कि गुर्जरों की अधिकांश मांगें मान ली गई हैं. कर्नल साहब ने जो डिमांड रखी, उसमें फैसले करने की बात भी हो गई थी. लेकिन आंदोलनकारी जिस रूप से पटरियों पर बैठकर पेश आ रहे हैं वह गुर्जर समाज के हित में नहीं हैं. 15 साल से बार-बार पटरियों पर बैठ रहे हैं, पूरा देश यह देख रहा है। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट भी टिप्पणियां कर चुके हैं।

सरकार और आंदोलनकारियों के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है. लेकिन अभी तक पूरी तरह सहमति नहीं बनी है जिसके चलते स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा मुसीबत का सामना वर्क फ्रॉम होम और ऑनलाइन क्लासेज करने पड़ रहा है. साथ ही यातायात व्यवस्था भी बाधित है.


CM गहलोत  ने गुर्जर समाज से अपील करते हुए कहा कि सरकार उनके साथ न्याय करेगी, वे निश्चिंत रहें। पहले भी कांग्रेस सरकार ने उनके हक में फैसले किए। 1000 नौकरियां लग चुकी हैं। 100 नौकरियां प्रक्रिया में हैं. मांगों के नाम पर इस तरह से धरने पर बैठना उचित नहीं है। आंदोलनकारी सरकार की कमेटी से वार्ता करें। उनकी मांगों- सुझावों को मानने के लिए सदैव तैयार रहेंगे।


गुर्जर आरक्षण आंदोलन के चलते दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक लगाातर 9वें दिन भी बाधित है. इसके कारण इस मार्ग की ट्रेनों को डाइवर्ट करने का सिलसिला भी जारी है.  रेलवे ट्रैक बाधित करने वाले गुर्जर आंदोलनकारियों के खिलाफ रेल प्रशासन और RPF ने मुकदमें दर्ज करने की तैयारियां शुरू कर दी हैं. ट्रैक पर जमा सभी आंदोलनकारियों की विभिन्न माध्यमों से सूचना प्राप्त कर पहचान कर ली गई है. अब ट्रैक को बाधित करने वाले सभी लोगों के खिलाफ FIR दर्ज होने जा रही है. रेलवे ट्रैक को बाधित करने के आरोप में केस वापस नहीं होंगे, क्योंकि रेलवे केन्द्र सरकार के अधीन है। ऐसे में केस वापस लेना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं होगा। ट्रैक पर आंदोलनकारियों के साथ बैठे युवाओं के नाम केस दर्ज होने से उन्हें भविष्य में सरकारी नौकरी मिलने में परेशानियां उठानी पड़ सकती है।