मुजफ्फरनगर में भेजे गए कौवों के सैंपल में बर्ड फ्लू का संक्रमण मिला, प्रशासन सख्त
पश्चिम उत्तर प्रदेश में लगातार बर्डफ्लू का खतरा बढ़ता जा रहा है और अब सहारनपुर मंडल में भी बर्ड फ्लू का केस सामने आया है।
पश्चिम उत्तर प्रदेश में लगातार बर्डफ्लू का खतरा बढ़ता जा रहा है और अब सहारनपुर मंडल में भी बर्ड फ्लू का केस सामने आया है। बरेली के भारतीय पशु चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) की लैब में मुजफ्फरनगर से भेजे गए कौवों के सैंपल जांच में बर्ड फ्लू का संक्रमण पाया गया है। वहीं बर्ड फ्लू के मद्देनजर केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान (सीएआरआई) में नये निदेशक की तैनाती कर दी गई है।
आईवीआरआई के प्रधान वैज्ञानिक लैब प्रभारी डॉ वीके गुप्ता ने बताया कि मुजफ्फरनगर से आए कौवों के सैंपल की जांच में वल्र्ड फ्लू का संक्रमण मिला है। इसकी रिपोर्ट मुजफ्फरनगर प्रसाशन को भेज दी गई है। पीलीभीत में पूरनपुर से आए मुर्गियों के सैंपल की जांच में वल्र्ड फ्लू का संक्रमण मिला था। वहीं केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डॉक्टर संजीव कुमार ने बताया कि बर्ड फ्लू ही नहीं पक्षियों के लिए ठंड भी खतरनाक होती है।
सर्दी में ब्रोंकाइटिस ,रानीखेत और क्रॉनिक रेस्पिरेटरी डिसीज के मामले बढ़ जाते हैं। यह बीमारी कुकुट व अन्य पक्षियों के श्वसन तंत्र फेफड़ों को प्रभावित करती है ,जिससे उनकी मौत हो जाती है।यह तीनों अन्य बीमारियां पक्षियों के इंसान नहीं पहुंचती है। इसलिए आम लोगों तक चर्चा कम पहुंचती है। जबकि वल्र्ड फ्लू कुक्कुट या अन्य पक्षियों से इंसान भी संक्रमित हो जाता है। क्योंकि इसका वायरस ज्यादा खतरनाक होता है।
डॉ. संजीव ने बताया कि नवंबर से जनवरी के बीच सामान्य दिनों की अपेक्षा 10 से 15 फ़ीसदी तक पक्षियों की मौत है ठंड में हो जाती हैं। सीएआरआई के नए निदेशक डा यू के तिवारी ने कहा कि वैज्ञानिक और कर्मचारी पीपी किट पहनकर ही सीएआरआई परिसर में अब आ सकेंगे। इसके लिए कर्मचारियों को पीपी किट उपलब्ध कराने तथा सुरक्षा के साथ दूसरे उपायों का अनुपालन कराए जाने की तैयारी है।
उल्लेखनीय है कि बरेली के डीएफओ भारत लाल ने बताया की बरेली जिले के फरीदपुर में कबूतर , मझगवां और आलमपुर जफराबाद में एक एक कौवा और शिवपुरी में महोख पक्षी मरा मिला है। महोख पक्षी कौए की तरह होता है। जिसका रंग चमकीला होता है। सभी का पोस्टमाटर्म कराया गया है , सभी ठंड से मरे है।