Bihar: किशनगंज में उद्घाटन से पहले गिरा करोड़ों की लागत से बना पुल

कन्कई नदी की बरसाती धार में बन रहे निर्माणाधीन पुल का एक पाया धंस गया। इसके बाद देखते ही देखते पूरा का पूरा पुल टूट गया।

Bihar: किशनगंज में उद्घाटन से पहले गिरा करोड़ों की लागत से बना पुल

बिहार में (Bihar Latest News) चुनावी दौर के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। राज्य के किशनगंज जिला के दिघलबैंक प्रखंड के गोवाबाड़ी में तैयार हुआ पुल उद्घाटन से पहले ही ढह गया। 1.41 करोड़ रुपये की लागत से बना ये पुल चंद मिनटों में कांकई नदी की धारा में बह गया। बता दें कि पुल टूटने की ये घटना 16 सितंबर यानी मंगलवार रात की है।

जानकारी के अनुसार, कन्कई नदी की बरसाती धार में बन रहे निर्माणाधीन पुल का एक पाया धंस गया। इसके बाद देखते ही देखते पूरा का पूरा पुल टूट गया। यह पुल बनकर पूरी तरह से तैयार था। सिर्फ एप्रोच रोड बनना बाकी था। माना जा रहा था कि चुनाव से पहले इसका उद्घाटन होने वाला था।

किशनगंज में निर्माणाधीन पुल गिरने को लेकर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट करके कहा, 'किशनगंज जिले में करोड़ों की लागत से निर्माणाधीन सुशासनी पुल उद्घाटन से पहले टूट गया। देखते हैं 15 वर्षों की भ्रष्टाचारी सरकार और 60 घोटालों के प्रबन्ध संरक्षक कर्ता नीतीश कुमार और सुशील मोदी इसका दोष विपक्ष या प्रकृति में से किसे देते हैं?

ग्रामीणों का आरोप है कि पुल बनाने में लापरवाही बरती गई है, जिससे ये घटना घटी है। इस पुल के टूटने (Bihar Latest News) के बाद अब पूरा इलाका टापू बन गया है। प्रभावित लोगों का घरों से निकलना भी मुश्किल हो गया है।

नहीं बनाया गया डायवर्जन


यह पुल 26 मीटर स्पैन का था। बताया जा रहा है कि लगातार दो दिनों से हो रही बारिश की वजह से नदी की धार बदल गई। धार उस इलाके से निकली जहां पर निर्माणाधीन पुल था। पुल के पास 20 मीटर का डायवर्जन बनाना था लेकिन यह नहीं बनाया गया। इसकी वजह से नदी की धार घूम गई और पुल टूट गया। डायवर्जन बना होता तो नदी की धार नहीं बदलती और पुल नहीं गिरता। लेकिन टूटने के बाद मलबा पानी में बह गया।

गोआबाड़ी पुल जिस इलाके में बनाया जा रहा है, वह इलाका इन दिनों बाढ़ की मार झेल रहा है। इलाका कई दिनों से पानी में डूबा हुआ है। स्‍थानीय लोगों ने बताया कि करीब एक महीने में कंकई नदी में बाढ़ का पानी लगातार बढ़ रहा है। लेकिन बताने के बावजूद प्रशासन व जल संसाधन विभाग ने इसकी सुध नहीं ली। पुल के करीब दो किमी दूर एक टूटी कच्‍ची सड़क है, जो बना दी जाती तो नदी की धार पुल तक नहीं आती और यह बच जाता।

छह दर्जन गांवों के लिए बड़ा सहारा बनता पुल


स्‍थानीय लोगों के अनुसार यह पुल इलाके के करीब छह दर्जन गांवों के लिए बड़ा सहारा बनता। इसके निर्माण (Bihar Latest News) के लिए उन्‍होंने काफी संघर्ष किया था। लोगों ने कहा कि पुल के साथ उनका यह संघर्ष भी नदी नहीं, भ्रष्‍टाचार की धार में बह गया है। लोगों का आरोप है कि पुल निर्माण में अनियमितता बरती गई। इस कारण यह पानी का हल्का दबाव भी नहीं झेल सका। दूसरी ओर पुल निर्माण के संवेदक मो. नदीम ने इसे प्राकृतिक आपदा करार दिया है।