बिहार Election2020: तीसरे मोर्चे का ऐलान पप्पु यादव के हाथ में कमान, 3 दलों के साथ बनाया लोकतांत्रिक गठबंधन
बिहार में तीसरा मोर्चा बनने की सुगबुगाहट पहले ही शुरू हो गई थी। बाहुबली नेता पप्पु यादव के नेतृत्व में प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक अलायंस का गठन किया गया है।
बिहार विधानसभा चुनाव में राजग और राजद महागठबंधन में राजनीतिक दलों के शामिल और बाहर होने का दौर भले जारी है लेकिन इस बीच राज्य की राजनीति में तीसरे मोर्चे ने भी दस्तक दे दी है। चुनाव के मद्देनजर जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने प्रगतिशील लोकतांत्रिक गठबंधन यानी पीडीए (PDA) बनाने की घोषणा की.
गठबंधन का ऐलान करते हुए जनअधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा कि यह गठबंधन 30 साल के महापाप को समाप्त करने के लिए बनाया गया है. भाजपा को निशाने पर लेते हुए पप्पू यादव ने कहा कि यह पार्टी सब में खटास पैदा कर रही है. रामविलास पासवान और नीतीश कुमार के बीच विवाद पैदा करने वाली पार्टी भी बीजेपी ही है. तीसरे मोर्चे के ऐलान के दौरान जनअधिकार पार्टी के पप्पू यादव ने कहा कि बिहार की जनता ने नीतिश और लालू यादव दोनों की सरकारों को देख लिया है। दोनों ही जनता के विश्वास के साथ छल किया है। तीसरा मोर्चा ही प्रदेश की जनता को वास्तविक सुशासन देने में सक्षम है। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से भी हमारी बातचीत हो रही है. उनका भी इस गठबंधन में स्वागत है. पप्पू यादव ने लोजपा और कांग्रेस को भी इस गठबंधन में शामिल होने की दावत दी. कहा कि अगले दो दिन कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की भी घोषणा की जाएगी.
बिहार में तीसरा मोर्चा बनने की सुगबुगाहट पहले ही शुरू हो गई थी। बाहुबली नेता पप्पु यादव के नेतृत्व में प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक अलायंस का गठन किया गया है। इस गठबंधन में आजाद समाज पार्टी भी मुख्य घटक दल के तौर पर शामिल हुई है। भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद रावण ने भी एक दिन पहले इसके संकेत दे दिए थे। सोमवार की दोपहर पटना के चाणक्य होटल में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता इकठ्ठा हुए। इस गठबंधन में पप्पू यादव की अगुवाई वाली जनअधिकार पार्टी, भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आाजद रावण की आजाद समाज पार्टी, वीएल मतंग की बहुजन मुक्ति पार्टी- बीएमपी-और एमके फैजी की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया-एसडीपीआई- शामिल है। वही एसडीपीआई ने नागरिकता संशोधन कानून मुद्दे पर आंदोलन चलाया है जबकि वीएल मतंग और आजाद समाज पार्टी का दलित-अल्पसंख्यक गठजोड की राजनीति कर रहे हैं।