केन्द्रीय मंत्री शेखावत का बड़ा बयान, अब किसान नहीं माओवादी और देशविरोधी ताकतें चला रही हैं आंदोलन
किसान बिल पर केन्द्र सरकार की ओर से रूख स्पष्ट करने उदयपुर पहुंचे मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि अब किसान आन्दोलन किसानों के हाथ से निकल गया है.
कृषि कानूनों को लेकर पूरे देश में सियासी घमासान मचा हुआ है. जहां कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष इसे भुनाने में लगा हुआ है तो वहीं भाजपा नेता जगह जगह जा कर लोगों को समझाने में जुटे हुए हैं. किसान बिल पर केन्द्र सरकार की ओर से रूख स्पष्ट करने उदयपुर पहुंचे मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि अब किसान आन्दोलन किसानों के हाथ से निकल गया है. अब इसे माओवादी और नक्सलवादी ताकतें चला रही हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्वामीनाथन आयोग द्वारा कृषि रिफॉर्म हेतु 102 सुझाव दिए गए थे, जिनमें से सौ सुझावों को मोदी सरकार ने लागू कर दिया है. जब स्वामीनाथन आयोग ने 2006 में रिपोर्ट दे दी थी, तो 2010 तक कांग्रेस सरकार उन्हें लागू करने का साहस नहीं दिखा पाई.
कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि किसानों (Farmers-Movement) को भ्रमित कर सड़क पर लाने की कुचेष्टा कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने की है. ये लोग किसान के बेटे के साथ खिलवाड़ करने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक सीमित क्षेत्र को छोड़कर देशभर के किसानों ने तीनों कृषि कानूनों पर अपनी सहमति और खुशी जाहिर की है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश सब कुछ देख व समझ रहा है. 50 से 100 फीसदी एमएसपी बढ़ाने का काम भाजपा सरकार ने किया, लेकिन इसे भी सरकार किसानों हेतु पर्याप्त नहीं मानती. किसान सामूहिक रूप से एक साथ मिलकर काम करें तभी बल्क में फसल के अच्छे दाम के लिए नेगोशिएट कर सके. इस हेतु किसानों के एफपीओ बनाने की योजना सरकार की है. कृषि क्षेत्र में परिवर्तन के लिए मोदी सरकार काम कर रही है, परंतु विपक्षी दल उसमें बाधा बन रहे हैं.