किसान आंदोलन के बीच बड़ा फैसला: केजरीवाल सरकार ने दिल्ली पुलिस से वापस मांगीं DTC बसें, संबित पात्रा का फूटा गुस्सा, कह दी ये बात

केजरीवाल सरकार ने दिल्ली पुलिस से DTC बसें लौटाने को कहा है. दरअसल दिल्ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसानों के आंदोलन (farmers agitation) को ध्यान में रखते हुए डीटीसी की ये बसें सुरक्षा एजेंसियों द्वारा किसान प्रदर्शन के दौरान आवाजाही के लिए इस्तेमाल की जा रही हैं

किसान आंदोलन के बीच बड़ा फैसला: केजरीवाल सरकार ने दिल्ली पुलिस से वापस मांगीं DTC बसें, संबित पात्रा का फूटा गुस्सा, कह दी ये बात

दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन के बीच केजरीवाल सरकार (Kejriwal government) ने बड़ा फैसला लिया है। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली पुलिस से DTC बसें लौटाने को कहा है. दरअसल दिल्ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसानों के आंदोलन (farmers agitation) को ध्यान में रखते हुए डीटीसी की ये बसें सुरक्षा एजेंसियों द्वारा किसान प्रदर्शन के दौरान आवाजाही के लिए इस्तेमाल की जा रही हैं . परिवहन विभाग ने डीटीसी बसों को डिपो में तुरंत लौटने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही परिवहन विभाग ने डीटीसी को निर्देश दिया है कि बिना सरकार की इजाजत के दिल्ली पुलिस को बसें ना दें।  ऐसे में दिल्ली परिवहन विभाग (Delhi Transport Department) ने दिल्ली पुलिस को दी गई 576 बसों को वापस करने को कहा है. इससे पुलिस की मुश्किल बढ़ सकती है.  

डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन को दिल्ली सरकार की इस मामले में साजिश नजर आ रही है. यूनियन के सदस्य मनोज शर्मा ने कहा कि इस तरह से हमारे फौजी, सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस के जवान को खुली हवा में रुकना पड़ेगा. जबकि असमाजिक तत्व भी दिल्ली पुलिस पर हमला कर सकते हैं. दिल्ली पुलिस की सेवा में डीटीसी की करीब 576 हरी बस लगी हुई हैं.

दिल्ली सरकार की केंद्र सरकार के साथ अनबन होने के कारण इस तरह का रवैया दिल्ली की सुरक्षा से खिलवाड़ जैसा है. यही वजह है कि दिल्ली सरकार ने पुलिस की सेवा में लगीं 576 डीटीसी की हरी बस डिपो बुलाने का फरमान जारी कर दिया है. इसके साथ कहा जा रहा है कि सभी फौजियों, सीआरपीएफ वालों और दिल्ली पुलिस के जवानों को जहां हो वहीं उतारकर डिपो आ जाओ.

दिल्ली सरकार के इस फैसले के पीछे कईं वजहें हैं। एक तो दिल्ली सरकार को डिपो में बसों की कमी की लगातार शिकायतें मिल रही हैं और दूसरा 26 जनवरी की घटना में बसों को नुकसान पहुंचा है। इतना ही नहीं, दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा बसों का इस्तेमाल बैरिकेडिंग के लिया किया जा रहा है, जिससे बसों के नुकसान होने की संभावना अधिक है, जैसा कि पिछले दिनों आंदोलन के दौरान दिखा।


दिल्ली सरकार के इस फैसले के पीछे कईं वजहें हैं। एक तो दिल्ली सरकार को डिपो में बसों की कमी की लगातार शिकायतें मिल रही हैं और दूसरा 26 जनवरी की घटना में बसों को नुकसान पहुंचा है। इतना ही नहीं, दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा बसों का इस्तेमाल बैरिकेडिंग के लिया किया जा रहा है, जिससे बसों के नुकसान होने की संभावना अधिक है, जैसा कि पिछले दिनों आंदोलन के दौरान दिखा।


संबित पात्रा का फूटा गुस्सा


वहीं दिल्ली सरकार के इस फैसले पर अब भारतीय जनता पार्टी ने अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि, अरविंद केजरीवाल ने एक तानाशाही रवैया दिखाया है, वे अराजक थे और आज भी अराजक के रूप में व्यव्हार कर रहे हैं। डीटीसी बस किसलिए है, दिल्ली के जवानों को आवागमन के लिए जिस जगह सुरक्षा की आवश्यकता होती है वहां ट्रांसपोर्ट करके दिल्ली के जवानों को पहुंचाया जाता है। सवाल उठता है कि दिल्ली पुलिस के जवान दिल्ली के निवासी नहीं है क्या, वे दिल्ली के नागरिकों के लिए काम नहीं करते है, क्या संसाधन उनके लिए नहीं हैं क्या? पुलिस वालों ने लाठी खाईं, तलवार खाईं, 400 से ज्यादा पुलिस वाले घायल हुए हैं लेकिन केजरीवाल को उनकी फिक्र नहीं। इससे पता चलता है केजरीवाल कितने आराजक हैं।