अखिलेश सरकार में हुए गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में बड़ी कार्रवाई, अब सीबीआई करेगी पर्दाफाश!
गोमती रिवरफ्रंट घोटाले में सिंचाई विभाग के पूर्व चीफ इंजीनियर रूप सिंह यादव को शुक्रवार को गिरफ्तार किया है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 1500 करोड़ रुपये के गोमती रिवरफ्रंट घोटाले में सिंचाई विभाग के पूर्व चीफ इंजीनियर रूप सिंह यादव को शुक्रवार को गिरफ्तार किया है। योगी सरकार ने सत्ता में आने के बाद रिवर फ्रंट घोटाले की जांच का आदेश दिया था। इसके बाद मामले की जांच शुरू हो गई। सीबीआई के बाद अब ईडी ने मनी लांड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया। ईडी ने आठ मे से पांच आरोपियों को पूछताछ भी की।
आपको बता दें कि सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने प्रदेश सरकार के निर्देश पर सिंचाई विभाग की ओर से लखनऊ के गोमतीनगर थाने में दर्ज कराए गए मुकदमे को आधार बनाकर 30 नवंबर 2017 में नया मुकदमा दर्ज किया था। इसमें सिंचाई विभाग के तत्कालीन मुख्य अभियंता (अब सेवानिवृत्त) गुलेश चंद, एसएन शर्मा व काजिम अली, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता (अब सेवानिवृत्त) शिव मंगल यादव, अखिल रमन, कमलेश्वर सिंह व रूप सिंह यादव तथा अधिशासी अभियंता सुरेश यादव नामजद हैं। सीबीआई ने अपनी जांच शुरू भी कर दी। उसने सिंचाई विभाग से हासिल पत्रावलियों की जांच करने के अलावा कुछ आरोपियों से पूछताछ भी की।
सीबीआई अब इस आरोप की जांच कर रही है कि प्रोजेक्ट के तहत निर्धारित कार्य पूर्ण कराए बगैर ही स्वीकृत बजट की 95 प्रतिशत धनराशि कैसे खर्च हो गई? प्रारंभिक जांच के अनुसार प्रोजेक्ट में मनमाने तरीके से खर्च दिखाकर सरकारी धन की बंदरबांट की गई है। यह प्रोजेक्ट लगभग 1513 करोड़ रुपये का था, जिसमें से 1437 करोड़ रुपये काम खर्च हो जाने के बाद भी 60 फीसदी काम भी पूरा नहीं हो पाया। आरोप यह भी है कि जिस कंपनी को इस काम का ठेका दिया गया था, वह पहले से डिफाल्टर थी।
मुख्यमंत्री बनते ही योगी आदित्यनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की जिस महत्वाकांक्षी योजना पर अपनी निगाह तिरछी की थी वह थी गोमती रिवर फ्रंट। मुख्यमंत्री पूरे लाव—लश्कर के साथ गोमती तीरे पहुंचे थे और इस प्रोजेक्ट में हुई अनियमितताओं के लिए अधिकारियों को मौके पर ही जमकर फटकार लगाई थी।