BMC ने बदले की भावना से तोड़ा कंगना रनौत का ऑफिस, बॉम्बे हाईकोर्ट का बड़ा बयान- देना होगा हर्जाना

हाईकोर्ट ने कंगना के पक्ष में फैसला देते हुए कहा कि बीएमसी का एक्शन ‘दुर्भावनापूर्ण’ रवैये से किया गया है।

BMC ने बदले की भावना से तोड़ा कंगना रनौत का ऑफिस, बॉम्बे हाईकोर्ट का बड़ा बयान- देना होगा हर्जाना

बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत के मुंबई स्थित ऑफिस में बीते दिनों बीएमसी (BMC) द्वारा की गई तोड़फोड़ को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज फैसला सुना दिया है.  हाईकोर्ट ने कंगना के पक्ष में फैसला देते हुए कहा कि बीएमसी का एक्शन ‘दुर्भावनापूर्ण’ रवैये से किया गया है। इसी के साथ कोर्ट ने बीएमसी को कंगना रनौत के ऑफिस में तोड़फोड़ के नुकसान का आकलन कर उचित हर्जाना देना का आदेश दिया है।  वहीं बॉम्बे हाकोर्ट ने कंगना को सार्वजनिक मंच पर विचारो को रखने में संयम बरतने को कहा है। साथ में अदालत ने राज्य सरकार को हिदायत दी कि किसी नागरिक द्वारा की गई गैर-जिम्मेदाराना टिप्पण्णियों को नजरअंदाज किया जाना चाहिए। बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की तरफ से भी रिएक्शन आ गया है.

रनौत ने बीएमसी से हर्जाने में दो करोड़ रुपये मांगे थे और अदालत से बीएमसी की कार्रवाई को अवैध घोषित करने का आग्रह किया था। मुआवजे के मुद्दे पर पीठ ने कहा कि अदालत नुकसान का आकलन करने के लिए मूल्यांकन अधिकारी नियुक्त कर रही है जो याचिकाकर्ता और बीएमसी को विध्वंस के कारण होने वाले आर्थिक नुकसान पर सुनवाई करेगा। जस्टिस एसजे कैथावाला और आरआई छागला की बेंच ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा, ‘जिस तरह से यह तोड़फोड़ की गई वह अनधिकृत था। ऐसा गलत इरादे से किया गया था। ये याचिकाकर्ता को कानूनी मदद लेने से रोकने का एक प्रयास था।’ अदालत ने अवैध निर्माण के बीएमसी के नोटिस को भी रद्द कर दिया है। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि मामले को देख ऐसा लगता है कि विध्वंस की कार्यवाई एक्ट्रेस के ट्वीट्स और बयानों के लिए उसे निशाना बनाने के इरादे से की गई है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कंगना रनौत द्वारा दायर याचिका में विध्वंस नोटिस को खारिज किया।


दरअसल 9 सितंबर को बीएमसी ने कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के ऑफिस में कुछ हिस्सों को अवैध बताते हुए तोड़फोड़ की थी जिसके विरोध में कंगना ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद कोर्ट ने बीएमसी द्वारा की जा रही कार्यवाई पर रोक लगा दी थी। कंगना के वकील का दावा है ऑफिस का 40 फीसदी हिस्सा ध्वस्त किया गया था। इसमें झूमर, सोफा और दुर्लभ कलाकृतियों समेत कई कीमती संपत्ति भी शामिल है।