BKU किसान नेता राकेश टिकैत बोले-कल 11 से 3 बजे तक रहेगा भारत बंद, बाहर निकलने के पहले जानें क्या रहेगा बंद

कल सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक भारत बंद रहेगा. ये एक सांकेतिक विरोध है.

BKU किसान नेता राकेश टिकैत बोले-कल 11 से 3 बजे तक रहेगा भारत बंद, बाहर निकलने के पहले जानें क्या रहेगा बंद

किसान आंदोलन:- पिछले 11 दिनों से देश की राजधानी दिल्ली में चल रहा किसानों का आंदोलन अब व्यापक स्वरूप लेता नजर आ रहा है. इसी बीच किसान नेताओं ने 8 दिसंबर को संपूर्ण भारत बंद का ऐलान कर दिया है. किसानों के इस आव्हान को विपक्षी दलों का भी पूरा समर्थन प्राप्त है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व महाराष्ट्र, बिहार, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश व जम्मू-कश्मीर की 10 पार्टियों ने संयुक्त बयान जारी कर भारत बंद को अपना समर्थन दिया है. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भारत बंद पर कहा, "कल सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक भारत बंद रहेगा. ये एक सांकेतिक विरोध है. हम दिखाना चाहते हैं कि हम भारत सरकार की कुछ नीतियों का समर्थन नहीं करते हैं."


उन्होंने ये भी कहा कि आम जनता को इससे परेशानी न हो इसलिए भारत बंद की शुरुआत सुबह 11 बजे से होगी ताकि वे समय पर ऑफिस पहुंच सके. ऑफिस में वर्क आवर 3 बजे खत्म हो जाता है. एंबुलेंस और विवाह समारोहों को बाधित नहीं किया जाएगा. लोग अपना कार्ड दिखाकर काम के लिए जा सकते हैं.

इस दौरान दुकानें और कारोबार बंद रहेंगे. हालांकि एंबुलेंस एवं आपात सुविधाओं को किसान नेताओं ने बंद से छूट देने का एलान किया है. किसान नेताओं ने ज्यादा से ज्यादा लोगों को बंद के समर्थन में आने की बात कही है. 11 राजनीतिक दलों के अलावा 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियन ने भी बंद का समर्थन किया है. हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में सभी मंडियां बंद रहेंगी. यहां तक कि दूध, फल और सब्जी पर भी रोक रहेगी.

 भारत बंद शांतिपूर्ण रहेगा और गुजरात के 250 किसान बंद को समर्थन देने दिल्ली आएंगे. किसान संगठनों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो वे आंदोलन तेज करेंगे और दिल्ली पहुंचने वाली और सड़कें बंद कर देंगे. बलदेव सिंह ने कहा, ''हम किसी को भी हिंसक होने की इजाजत नहीं देंगे और ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे. हम सभी से बंद का हिस्सा बनने का आह्वान करते हैं.''
 
9 दिसंबर को होगी छठे दौर की वार्ता


गौरतलब है कि शनिवार को केंद्र व किसानों के बीच पांचवे दौर की वार्ता असफल रही. किसानों को सरकार की ओर से विधेयक में संशोधन का भी प्रस्ताव दिया गया लेकिन वे मानने को तैयार नहीं हुए. किसान इन विधेयकों की पूरी तरह वापसी चाहते हैं. अब 9 दिसंबर , गुरुवार को केंद्र और किसानों के बीच जारी गतिरोध खत्म करने के लिए छठे दौर की वार्ता होने वाली है.