गुजरात निकाय चुनाव में बीजेपी की बंपर जीत, AAP के प्रदर्शन पर बोले CM केजरीवाल- गुजरातियों को दिल से बधाई
सूरत में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर AAP ने कांग्रेस के माथे पर बल ला दिया है.
गुजरात में 6 नगर निगमों के नतीजों/रुझानों (Gujarat Municipal Election Result) ने यह साबित कर दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के गृह राज्य में अभी भी भगवा दल का सिक्का चल रहा है. कांग्रेस, असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM और आम आदमी पार्टी (AAP) निकाय चुनावों में कुछ खास नहीं कर पाई. हालांकि, सूरत में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर AAP ने कांग्रेस के माथे पर बल ला दिया है. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए यह परिणाम बीजेपी के हौसले बुलंद करने वाले हैं. वहीं, इन नतीजों ने कांग्रेस को समीक्षा करने पर मजबूर कर दिया है.
'आप' ने यहां पहली ही बार में अच्छा प्रदर्शन किया। उसे दोपहर तक सूरत में ही 8 सीटों पर जीत मिल गई थी। कुछ और सीटें भी अन्य निगमों में हासिल की हैं। कुल मिलाकर 'आप' का प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक रहा। इस पर पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने खुशी जताई है।
अरविंद केजरीवाल ने गुजरात में जनसमर्थन पर मतदाताओं का धन्यवाद किया है। केजरीवाल अपने आॅफिशियल ट्विटर हैंडिल के जरिए बोले- गुजरात के लोगों को दिल से बधाई! केजरीवाल ने कहा कि, आम आदमी पार्टी द्वारा यहां नई राजनीति की शुरुआत हुई।' आम आदमी पार्टी अभी दिल्ली में सत्ता में है। उसने बीते लोकसभा चुनावों में भी अच्छा प्रदर्शन किया था। अब वह अन्य राज्यों की सियासत में भाग ले रही है। आज आप ने गुजरात के सूरत नगर निगम में अपना खाता खोल लिया। आप को यहां सूरत नगर निगम के वार्ड नंबर-16 की चारों सीटों और वार्ड नंबर-4 की चारों सीटों पर जीत मिली है।
निकाय चुनाव के नतीजों से एक बात साफ हो गई है कि गुजरात बीजेपी का गढ़ है और फिलहाल इस गढ़ में कोई दूसरी पार्टी सेंध नहीं लगा सकती. नतीजों से साफ है कि गुजरात में बीजेपी का तिलिस्म तोड़ पाना कांग्रेस तो क्या फिलहाल किसी विपक्षी दल की बस की बात नहीं है.
कांग्रेस को क्यों हुआ नुकसान?
सूरत में 2015 के चुनाव की तुलना में इस बार कांग्रेस को नुकसान हुआ है. पाटीदार आरक्षण समिति (पास) ने चुनाव से पहले कांग्रेस का विरोध किया था. जबकि, आम आदमी पार्टी ने बड़ी चाल चलते हुए पाटीदार उम्मीदवारों को टिकट दिए और उसी क्षेत्र को केंद्र में रखकर प्रचार किया. यही वजह रही कि आम आदमी पार्टी यहां कांग्रेस से भी आगे निकल गई. पिछले निकाय चुनाव में सूरत की 120 सीटों में बीजेपी को 80 और कांग्रेस को 36 सीटें मिली थीं.
हार्दिक का नहीं हुआ हार्दिक स्वागत!
पिछले साल जुलाई में हार्दिक पटेल को गुजरात कांग्रेस कमेटी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था. पाटीदार आरक्षण आंदोलन से चर्चित हुए हार्दिक ने पूरे गुजरात में निकाय चुनाव के लिए जमकर प्रचार अभियान चलाया, लेकिन नतीजों से साफ है कि हार्दिक का लोगों ने हार्दिक स्वागत नहीं किया.