UP की राजनीति में मचा हलचल, मुलायम सिंह यादव से मिलने पहुंचे BJP UP अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, लगने लगे कयास

इस दौरान भी खांटी नेता तथा समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने स्वतंत्र देव सिंह को समाजवादी पार्टी में शामिल होने का न्यौता दे दिया

UP की राजनीति में मचा हलचल, मुलायम सिंह यादव से मिलने पहुंचे BJP UP अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, लगने लगे कयास

पूर्व मुख्यमंत्री तथा पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह के निधन पर समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव भले ही शोक व्यक्त करने ना जा पाए हों, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने जन्माष्टमी पर उनके आवास पर जाकर उनके स्वास्थ्य का हाल जाना। इस दौरान भी खांटी नेता तथा समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने स्वतंत्र देव सिंह को समाजवादी पार्टी में शामिल होने का न्यौता दे दिया।

स्वतंत्र देव सिंह और मुलायम सिंह यादव की इस मुलाकात के सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं। माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने मंगलवार को लखनऊ में पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कल्याण सिंह की श्रद्धांजलि सभा में आने के लिए ने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव को निमंत्रण दिया है। भाजपा ने इस मुलाकात के जरिए यह संदेश देने की भी कोशिश की है कि मतभेद भले हों लेकिन मनभेद नहीं होने चाहिए, साथ ही सियासी शिष्टाचार बहुत जरूरी है। स्वतंत्रदेव सिंह ने मुलायम समेत पूरे परिवार को श्रद्धांजलि सभा में आने का न्यौता दिया है। राजनीति के माहिर खिलाड़ी और धरतीपुत्र कहे जाने वाले मुलायम सिंह ने उल्टे स्वतंत्रदेव सिंह को अपने ही अंदाज में सपा में शामिल होने का ऑफर दे दिया। उन्होंने कहा कि सपा में शामिल हो जाओ, तुम बहुत आगे तक जाओगे।

जन्माष्टमी पर मुलायम सिंह यादव के साथ इस भेंट की तस्वीर खुद स्वतंत्र देव सिंह ने ही ट्वीट की । उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कल मुलायम सिंह यादव से उनके आवास पर जाकर भेंट की थी। मुलायम सिंह यादव और स्वतंत्र देव सिंह की इस मुलाकात के मायने काफी अहम हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन पर मुलायम और अखिलेश के श्रद्धांजलि देने न पहुंचने पर पहला हमला स्वतंत्र देव सिंह ने ही बोला था। उन्होंने 24 अगस्त को ट्वीट किया था अखिलेश जी अपने आवास से मात्र एक किलोमीटर दूर माल एवेन्यू में स्वर्गीय कल्याण सिंह 'बाबूजी' को श्रद्धांजलि देने नहीं आ सके। कहीं मुस्लिम वोट बैंक के मोह ने उन्हेंं पिछड़ों के सबसे बड़े नेता को श्रद्धांजलि देने से तो नहीं रोक लिया, लेकिन अब उनकी इस मुलाकात के बहाने भाजपा ने एक तरफ तो राजनीतिक शिष्टाचार का संदेश तो दिया ही है, कल्याण सिंह मसले पर गेंद सपा के पाले में डाल दी है।