संसद में आज हुई आयुर्वेद, अश्‍वगंधा और गिलोय चर्चा,आयुर्वेद संस्थान को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा मिलेगा  

स दौरान सांसदों ने आयुर्वेद, अश्‍वगंधा, गिलॉय और एलोवेरा पर चर्चा की

संसद में आज हुई आयुर्वेद, अश्‍वगंधा और गिलोय चर्चा,आयुर्वेद संस्थान को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा मिलेगा   

बुधवार को संसद के मॉनसून सत्र में राज्‍यसभा में भी इम्‍युनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेद के इस्‍तेमाल की बात चर्चा हुई। दरअसल संसद में बुधवार को आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान विधेयक पर चर्चा हुई। इस दौरान सांसदों ने आयुर्वेद, अश्‍वगंधा, गिलॉय और एलोवेरा पर चर्चा की। इसके बाद संसद ने बुधवार को आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान विधेयक को पारित कर दिया।

आयुर्वेद शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान विधेयक, 2020 '' बुधवार को राज्यसभा में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। लोकसभा पिछले सत्र में यह विधेयक पारित कर चुकी है। विधेयक में जामनगर स्थित गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय परिसर में विभिन्न आयुर्वेद संस्थानों का विलय कर राष्ट्रीय महत्व का दर्जा प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। तीन आयुर्वेदिक संस्थानों- स्नातकोत्तर आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान, गुलाबकुंवेरबा आयुर्वेद महाविद्यालय और आयुर्वेद औषधि विज्ञान संस्थान के विलय का विधेयक में प्रस्ताव किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने समाज और दुनिया भर की स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने के लिए आयुर्वेद तथा इसकी उपयोगिता की सराहना की। 

संसद में आयुर्वेद पर चर्चा के दौरान योग गुरु बाबा रामदेव का बिना नाम लिए भी उनपर निशाना साधा गया। राजद के मनोज झा ने इस दौरान कहा कि पूरे देश में आयुर्वेद को एक समान महत्‍व दिया जाए, इसेक लिए प्रयास किए जाने चाहिए। मनोज झा ने बिना नाम लिए बाबा रामदेव पर कहा कि एक महापुरुष ने जून में कहा कि उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण की दवा तैयार कर ली है।

 उन महापुरुष के बयान के बाद टीवी पर चर्चाएं होने लगीं। कोरोना संक्रमण की लड़ाई वैज्ञानिक तरीके से ही लड़ी जाए। इसको लेकर नियम कायदे होने चाहिए। मनोज झा ने कहा कि उनकी दवाएं बिक गईं और फिर बाद में ऐसा कहा गया कि वो तो इम्युनिटी बूस्टर है।