मोदी सरकार पर हमला: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के कंधे पर रखकर चलाई बंदूक
शिवसेना ने कहा है कि सरकार ने न्यायालय के कंधे पर बंदूक रखकर किसानों पर चलाई है, लेकिन किसान संगठन ‘करो या मरो’ के मूड में हैं.
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन का आज 50वां दिन है. इस मामले पर पूरा विपक्ष शुरूआत से मोदी सरकार पर हमलावर है. इस बीच शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. शिवसेना ने कहा है कि सरकार ने न्यायालय के कंधे पर बंदूक रखकर किसानों पर चलाई है, लेकिन किसान संगठन ‘करो या मरो’ के मूड में हैं.
शिवसेना ने लिखा है, ''सर्वोच्च न्यायालय ने तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगा दी है, फिर भी किसान आंदोलन पर अड़े हुए हैं, अब सरकार की ओर से कहा जाएगा, ‘देखो , किसानों की अकड़, सर्वोच्च न्यायालय की बात भी नहीं मानते. सवाल सर्वोच्च न्यायालय के मान-सम्मान का नहीं है बल्कि देश की कृषि संबंधी नीति का है. किसानों की मांग है कि कृषि कानूनों को रद्द करो. निर्णय केंद्र सरकार को लेना है. . अखबार में लिखा गया है कि सरकार अदालत को आगे कर के आंदोलन को खत्म करने की कोशिश कर रही है. खास बात है कि केंद्र और किसान पक्ष शुक्रवार को 9वीं बार आमने-सामने आ रहे हैं.
इसके अलावा शिवसेना (Shiv Sena) ने किसानों को चेताया भी है. उन्होंने लिखा कि एक बार सिंघू बॉर्डर से किसान अगर अपने घर लौट गया तो सरकार कृषि कानून के स्थगन को हटाकर किसानों की नाकाबंदी कर डालेगी इसलिए जो कुछ होगा, वह अभी हो जाए. गौरतलब है कि अदालत ने तीनों नए कानूनों को लागू किए जाने पर फिलहाल रोक लगा दी है. वहीं मामले के निपटारे के लिए 4 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है.