Assocham Conference: भारत की अर्थव्यवस्था पर दुनिया को भरोसा, दुनिया तेजी से बढ़ रही है आगे
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 6 सालों में हमने 1500 से ज्यादा पुुराने कानूनों को खत्म किया है. अब देश की जरूरतों के हिसाब से कानून बनाना जारी रखेगें.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आज दुनिया को भारत की ग्रोथ स्टोरी पर भरोसा है. उन्होंने कहा कि पैनडेमिक के दौर में भी भारत में रिकॉर्ड FDI आया है. एसोचेम सम्मलेन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत अपने सामर्थ्य पर भरोसा करते हुए, अपने संसाधनों पर भरोसा करते हुए आत्मनिर्भर भारत को आगे बढ़ा रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 6 सालों में हमने 1500 से ज्यादा पुुराने कानूनों को खत्म किया है. अब देश की जरूरतों के हिसाब से कानून बनाना जारी रखेगें. 6 महीने पहले जो कृषि सुधार किए गए उनका लाभ भी अब किसानों को मिलना शुरू हो गया है. हमारे देश के किसानों के पास बड़ा भंडार है. उसे दुनिया के बाजार में ले जाने के लिए कोशिश होनी चाहिए. वहीं सरकार का आत्म निर्भर के लिए विनिर्माण पर जोर, क्षेत्र को गति देने के लिए प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं और उद्योग जगत लाभांश और कंपनी संचालन की सर्वश्रेष्ठ पद्धतियां अपनाने पर ध्यान दें, आज वो समय है जब हमें योजना बनाने के साथ कदम भी उठाना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कहा कि बीते 100 सालों से आप सभी देश की अर्थव्यवस्था को, करोड़ों भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाने में जुटे हैं. इसलिए आज वो समय है, जब हमें प्लान भी करना है और एक्ट भी करना है. हमें हर साल के, हर लक्ष्य को राष्ट्र निर्माण के एक बड़े लक्ष्य के साथ जोड़ना है.
सरकार के सुधार कार्यक्रमों के बारे में उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के आर्थिक सुधारों ने देश को लेकर वैश्विक धारणा बदली है। पहले लोग सोचते ते कि भारत में क्यों निवेश किया जाए, अब सोचते हैैं कि भारत में क्यों नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि आज वो समय है जब हमें योजना बनाने के साथ कदम भी उठाना है। हमें हर साल के हर लक्ष्य को राष्ट्र निर्माण के एक बड़े लक्ष्य के साथ जोड़ना है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारा चैलेंज सिर्फ आत्मनिर्भरता ही नहीं है बल्कि हम इस लक्ष्य को कितनी जल्दी हासिल करते हैं यो भी उतना भी महत्वपूर्ण है, आने वाले 27 साल भारत के वैश्विक भूमिका को ही तय नहीं करेंगे, बल्कि ये हम भारतीयों के सपने और निष्ठा दोनों को टेस्ट करेंगे।
पहले कहते थे भारत ही क्यों, अब कहते हैं भारत क्यों नहीं!
एक जमाने में हमारे यहां जो परिस्थितियां थीं, उसके बाद कहा जाने लगा था कि भारत ही क्यों? अब जो रिफॉर्म देश में हुए हैं, उनका जो प्रभाव दिखा है, उसके बाद कहा जा रहा है कि भारत क्यों नहीं? नया भारत, अपने सामर्थ्य पर भरोसा करते हुए, अपने संसाधनों पर भरोसा करते हुए आत्मनिर्भर भारत को आगे बढ़ा रहा है और इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मैन्युफेक्चरिंग पर हमारा विशेष फोकस है।