अर्नब गोस्वामी को बॉम्बे हाईकोर्ट से नहीं मिली जमानत, हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
हाईकोर्ट ने लोअर कोर्ट को निर्देश दिए कि अर्नब पिटीशन लगाएं तो 4 दिन में फैसला दे दिया जाए।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने आत्महत्या के लिये उकसाने के कथित मामले में गिरफ्तार रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब की जमानत अर्जी पर शनिवार को 6 घंटे सुनवाई हुई। अर्नब को तत्काल कोई राहत न देते हुए उनकी जमानत याचिका पर फैसला शनिवार को सुरक्षित रख लिया, कोर्ट ने फैसला सुनाने के लिए कोई तारीख भी नहीं दी, सिर्फ इतना कहा कि जल्द फैसला सुनाएंगे। साथ ही अर्नब गोस्वामी को निचली अदालत में जमानत याचिका दायर करने की स्वतंत्रता दी। हाईकोर्ट ने लोअर कोर्ट को निर्देश दिए कि अर्नब पिटीशन लगाएं तो 4 दिन में फैसला दे दिया जाए।अर्नब आत्महत्या के लिए कथित तौर पर उकसाने के एक मामले में बुधवार को हुई गिरफ्तारी के बाद से अर्नब 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं।
अर्नब गोस्वामी को 2018 के एक मामले में दो अन्य लोगों के साथ आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार किया गया था और अब उन्होंने मुंबई पुलिस पर अपनी जमानत याचिका में यातना देने का आरोप लगाया है। बुधवार को गिरफ्तारी के बाद गोस्वामी के वकील हरीश साल्वे ने याचिका दायर की है। इसे बॉम्बे हाईकोर्ट में जस्टिस एसएस शिंदे और एमएस कार्णिक की बेंच द्वारा सुना जा रहा है।इससे पहले अर्नब के वकील ने हाईकोर्ट में सप्लीमेंट्री एप्लिकेशन लगाई। इसमें अर्नब ने दावा किया है कि पुलिस ने उन्हें जूते से मारा। पानी तक नहीं पीने दिया। अर्नब ने अपने हाथ में 6 इंच गहरा घाव होने, रीढ़ की हड्डी और नस में चोट होने का दावा भी किया है। उनका कहना है कि पुलिस ने गिरफ्तारी के वक्त जूते पहनने तक का समय नहीं दिया।