सेना ने छोड़ा इमरान का साथ, अचानक देश को संबोधित क्यों करने वाले हैं इमरान खान?
इमरान खान आज शाम को देश को संबोधित करने वाले हैं. सेना और सरकार के बीच उठापटक और विपक्ष के इस्तीफे की मांग को लेकर इमरान खान ने सेना प्रमुख जनरल बाजवा और आईएसआई चीफ जनरल फैज हमीद से भी मुलाकात की है.
पाकिस्तान में अचानक से राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गयी है. इमरान खान के वित्त मंत्री को सीनेट चुनाव में मिली हार के बाद से राजनीतिक उथल पुथल तेज हो गयी है. पाकिस्तान में संयुक्त विपक्ष इमरान खान के इस्तीफे की मांग को लेकर अड़ा हुआ है. खबरों की मानें तो दावा यह किया जा रहा है कि इस चुनाव में इमरान खान की कुछ नीतियों से नाखुश पाकिस्तानी सेना ने अपना हाथ खींच लिया था. इसी कारण सीनेट चुनाव में उनके वित्त मंत्री अब्दुल हफीज शेख को हार का सामना करना पड़ा. बल्कि ऐन मौके पर विपक्ष के उम्मीदवार घोषित किए गए पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को जीत मिली। अब, इमरान खान आज शाम को देश को संबोधित करने वाले हैं।
इमरान खान आज शाम को देश को संबोधित करने वाले हैं. सेना और सरकार के बीच उठापटक और विपक्ष के इस्तीफे की मांग को लेकर इमरान खान ने सेना प्रमुख जनरल बाजवा और आईएसआई चीफ जनरल फैज हमीद से भी मुलाकात की है. इसके बाद वह आज ही शाम को पाकिस्तानी समयानुसार शाम 7.30 बजे अवाम को संबोधित करेंगे.
इमरान खान ने वर्तमान सीनेट अध्यक्ष साजिद संजरानी को फिर से सत्ताधारी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में संसद के ऊपरी सदन की अध्यक्षता के लिए नामित किया है। वे विपक्षी पार्टियों के गठबंधन की तरफ से घोषित उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ंगे। सूचना प्रसारण मंत्री शिबली फ़राज़ ने गुरुवार को ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने सीनेट की अध्यक्षता के लिए संजरानी ने नाम की घोषणा की है।
खबरों की मानें तो इमरान खान की सरकार और सेना के बीच हालात ठीक नहीं है. पाकिस्तानी सेना ने इमरान खान के सरकार के तरफ से अपना हाथ खींच लिया है. पाकिस्तानी सेना ने इमरान खान की मदद करने से इनकार कर दिया है. इसी कारण पाकिस्तान आर्मी चीफ के निर्देश पर हाल में ही चीन पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर के चेयरमैन और पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल असीम सलीम बाजवा ने भ्रष्टाचार के आरोपों पर अपना इस्तीफा दे दिया था. अब जल्द ही पाकिस्तानी सेना अपने अधिकतर जनरलों को सरकार की सेवा से हटाने जा रही है.
पाकिस्तान में कट्टर धार्मिक पार्टियों की ताकत बढ़ी
पाकिस्तान में इस्लामी पार्टियों का अस्तित्व हमेशा ही दोयम दर्जे का रहा है। ये पार्टियां किसी न किसी बड़ी पार्टी के पीछे लगकर उसके लिए धार्मिक वोटों को बटोरने का काम करती हैं। लेकिन पिछले साल इस्लामाबाद को घेरने के लिए मौलाना डीजल ने जो मोर्चेबंदी की थी, इससे उनकी लोकप्रियता चरम पर पहुंच गई है। वहीं, इस समय पाकिस्तान की मुख्यधारा की विपक्षी पार्टियां पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) नेतृत्व विहीन हैं।