सेना दिवस पर सेना प्रमुख का चीन व पाकिस्तान को कड़ा संदेश, हमारे धैर्य की परीक्षा ना लें
सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने चीन और पाकिस्तान को चेताते हुए कहा कि हम चर्चा और राजनीतिक प्रयासों के माध्यम से अपने विवादों का समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध हैं,
भारतीय सेना के लिए 15 जनवरी का दिन बेहद खास है। इस दिन भारतीय थल सेना आर्मी डे के तौर पर मनाती। भारतीय सेना आज अपना 73वां स्थापना दिवस मना रही है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत से लेकर भारतीय सेना के सेनाध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे ने वीर जवानों के नाम अपना संदेश दिया।इस मौके पर सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने चीन और पाकिस्तान को चेताते हुए कहा कि हम चर्चा और राजनीतिक प्रयासों के माध्यम से अपने विवादों का समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन किसी को भी हमारे धैर्य की परीक्षा लेने की गलती नहीं करनी चाहिए। दिल्ली स्थित करियप्पा परेड ग्राउंड में परेड का निरीक्षण और सैनिकों को उनकी वीरता के लिए सम्मानित करने के बाद अपने संबोधन में उन्होंने चीन और पाकिस्तान की नापाक हरकतों पर टिप्पणी की।
उन्होंने इस दौरान यह भी कहा कि आप सभी उत्तरी सीमाओं पर चीन के साथ चल रहे तनाव से अवगत हैं। सीमाओं पर एकतरफा स्थिति बदलने की साजिश को लेकर जोरदार जवाब दिया गया। सेना अध्यक्ष ने आगे कहा कि देश को यह यकीन दिलाना चाहूंगा कि गलवान में शहीद हुए जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। भारतीय सेना देश के सम्मान पर कोई आंच नहीं आने देगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मां भारती की रक्षा में पल-पल मुस्तैद देश के पराक्रमी सैनिकों और उनके परिजनों को सेना दिवस की हार्दिक बधाई. हमारी सेना सशक्त, साहसी और संकल्पबद्ध है, जिसने हमेशा देश का सिर गर्व से ऊंचा किया है. समस्त देशवासियों की ओर से भारतीय सेना को मेरा नमन.
मां भारती की रक्षा में पल-पल मुस्तैद देश के पराक्रमी सैनिकों और उनके परिजनों को सेना दिवस की हार्दिक बधाई। हमारी सेना सशक्त, साहसी और संकल्पबद्ध है, जिसने हमेशा देश का सिर गर्व से ऊंचा किया है। समस्त देशवासियों की ओर से भारतीय सेना को मेरा नमन।
— Narendra Modi (@narendramodi) January 15, 2021
सेना प्रमुख जनरल नरवणे यह भी कहा कि पिछले साल, एलओसी के पास और आतंकवाद-रोधी अभियानों में सेना ने 200 से अधिक आतंकवादियों का सफाया किया। लगभग 300-400 आतंकवादी भारतीय सीमा में घुसपैठ करने के लिए सीमा के पास प्रशिक्षण शिविरों में बैठे हैं। पिछले वर्ष संघर्ष विराम उल्लंघन की संख्या में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो पाकिस्तान के नापाक इरादों को दर्शाता है।