इलाहाबाद हाई कोर्ट का निर्देश, सरकारी कार्यालयों में नो-मास्क, नो-एंट्री का फार्मूला लागू

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद आइसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार सरकारी कार्यालयों में नो मास्क नो एंट्री का फार्मूला लागू करने के निर्देश दिये है

इलाहाबाद हाई कोर्ट का निर्देश, सरकारी कार्यालयों में नो-मास्क, नो-एंट्री का फार्मूला लागू

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद आइसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार सरकारी कार्यालयों में नो मास्क नो एंट्री का फार्मूला लागू करने के निर्देश दिये है। कोई भी बिना मास्क पहने कर्मचारी या अधिकारी कार्यालय में प्रवेश ना कर सके। 

केंद्र सरकार ने मास्क के संबंध में गाइडलाइन दाखिल की गई‌ है। कोर्ट ने गाइडलाइन अनुपालन के लिए राज्य सरकार को सौपा है। अर्जी में मास्क की गुणवत्ता को लेकर अनुरोध किया गया था। याचिका की सुनवाई सात अक्टूबर तक को होगी। 
राज्य सरकार आईसीएमआर के निर्देशों के अनुसार मास्क और सैनिटाइजर की बिक्री को लेकर गाइडलाइन जारी करने को कहा गया है। 

होटल, रेस्टारेंट, ओपेन एयर रेस्टोरेंट या रोड पटरियों पर खाने पीने का सामान बेचने वालों को दुकानें खोलने की इजाज़त देने का निर्देश दे दिया है। राज्य सरकार को कुछ शर्तों के अनुसार अंडर टेकिंग देने पर ही खोलने का निर्देश दिया गया है। 

यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा व न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने कोरोना वायरस मामले को लेकर कायम जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। कोई भी ग्राहक सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करते हुए दुकान के अंदर ही खाना खाएं इस बात पर ध्यान देने को कहा गया।  दुकान के पांच गज के अंदर बिना मास्क के कोई भी  दिखाई ना देगा। सड़क पटरी के दुकानदार पेयजल की बिक्री न हो इस पर भी ध्यान देने को कहा गया है। 

सरकार की गाइडलाइन के अनुसार पांच हजार रुपये प्रतिदिन के टर्नओवर वाले दुकानदार सीसीटीवी कैमरा लगाने को कहा है। सभी दुकानदार खाने-पीने का सामान बंद पैकेट में बेचने की व्यवस्था करें. हाईकोर्ट ने कोरोना वायरस मामले में कायम जनहित याचिका पर आदेश दिया गया है।