करीब 15 से 20 हजार किसान आज आ सकते हैं दिल्ली, कृषि मंत्री की अपील-आंदोलन खत्म करें किसान

राहुल गांधी ने बूढ़े किसान की लाठी खाते हुए तस्वीर ट्विटर पर पोस्ट करके कहा, ‘मोदी के अहंकार ने जवान को किसान के खिलाफ खड़ा कर दिया

करीब 15 से 20 हजार किसान आज आ सकते हैं दिल्ली, कृषि मंत्री की अपील-आंदोलन खत्म करें किसान

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से अपील की है कि वे विरोध प्रदर्शन खत्म करें। सरकार सभी मुद्दों पर बात करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि 3 दिसंबर को वे बात कर सकते हैं। राहुल गांधी ने बूढ़े किसान की लाठी खाते हुए तस्वीर ट्विटर पर पोस्ट करके कहा, ‘मोदी के अहंकार ने जवान को किसान के खिलाफ खड़ा कर दिया।’ उनका कहना है कि नए कृषि कानून से किसानों के जीवन में बड़े बदलाव आएंगे। अभी किसान बैठक कर रहे हैं। वहीं टिकरी बॉर्डर पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात हैं।

वहीं कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को दिल्ली में प्रवेश की इजाजत मिल गई है। किसानों को दिल्ली के बुराड़ी में मौजूद निरंकारी ग्राउंड में प्रदर्शन करने की इजाजत दी गई है, लेकिन किसानों का एक गुट इस बात पर अड़ गया है कि सरकार का कोई नुमाइंदा उनसे बॉर्डर पर आकर बात करें। भारतीय किसान यूनियन (डकौंदा) के अध्यक्ष बूटा सिंह बर्जगिल ने बताया, 'कई किसान नेता अब भी दिल्ली के रास्ते में हैं। हम आज बैठक करेंगे और आगे के कदमों के बारे में फैसला लेंगे.' फिलहाल सिंघु बॉर्डर पर किसानों की मीटिंग चल रही है, इसमें आंदोलन की आगे की रणनीति तय होगी। इस बीच कृषि कानूनों के विरोध में दिल्‍ली मार्च कर रहे किसानों से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से आंदोलन खत्‍म करने की अपील की है। तोमर ने आंदोलनरत किसानों को 3 सिदंबर को बातचीत का प्रस्‍ताव दिया है।

वहीं, क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने बताया कि वे बुराड़ी जाने के पक्ष में हैं क्योंकि उन्होंने ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया था। उन्होंने आगे कहा कि इस प्रदर्शन का लक्ष्य दिल्ली पहुंचना और केंद्र सरकार पर इन तीन कृषि कानूनों को लेकर दबाव बनाना है।

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने चार तस्वीरें ट्वीट कर सरकार को घेरा. उन्होंने लिखा- भाजपा सरकार में देश की व्यवस्था को देखिए जब भाजपा के खरबपति मित्र दिल्ली आते हैं तो उनके लिए लाल कालीन डाली जाती है. मगर किसानों के लिए दिल्ली आने के रास्ते खोदे जा रहे हैं। दिल्ली किसानों के खिलाफ कानून बनाए वह ठीक, मगर सरकार को अपनी बात सुनाने किसान दिल्ली आए तो वह गलत?