किसान आंदोलन का 37वां दिनः अगले दौर की बातचीत को लेकर आज किसानों की बैठक, चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर पूरी तरह बंद

किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 37वें दिन भी जारी है. किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सुखविंदर सिंह सभरा ने बताया कि तीन कृषि कानून रद्द होने चाहिए, अगर 4 जनवरी को इसका कोई हल नहीं निकलता तो आने वाले दिनों में संघर्ष तेज़ होगा.

किसान आंदोलन का 37वां दिनः अगले दौर की बातचीत को लेकर आज किसानों की बैठक, चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर पूरी तरह बंद

नई उम्मीदों के साथ नए साल का आगाज हो गया है। भारत समेत पूरी दुनिया में नए साल का स्वागत किया गया। दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर जमे किसानों ने भी नए साल का स्वागत किया। हालांकि उनका आंदोलन अभी भी जारी है और वे कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं। कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 37वें दिन भी जारी है. किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सुखविंदर सिंह सभरा ने बताया कि तीन कृषि कानून रद्द होने चाहिए, अगर 4 जनवरी को इसका कोई हल नहीं निकलता तो आने वाले दिनों में संघर्ष तेज़ होगा.


सिंघु बॉर्डर पर आज 80 किसान संगठनों की 2 बजे बैठक है. इससे पहले किसान और सरकार के बीच सातवें दौर की बातचीत में पूरा समाधान तो नहीं निकला लेकिन विवाद के दो मुद्दों पर सहमति बन गई.  चार जनवरी को आठवें दौर की बैठक तय की गई है. इस बैठक से पहले किसान आगे की रणनीति बनाएंगे.

चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर पूरी तरह बंद


किसानों के विरोध प्रदर्शन के चलते नोएडा और गाजियाबाद की तरफ से दिल्ली आने वाली ट्रैफिक के लिए चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर को बंद कर दिया गया है। लोगों को दिल्ली आने के लिए वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई। दिल्ली आने के लिए लोग आनंद विहार और डीएनडी जैसे रास्तों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

वहीं पंजाब के होशियापुर से पहुंचे हरमेश सिंह ने कहा, ‘‘सरकार जिन दो मांगों पर सहमत हुई है वो अभी कानून नहीं हैं। अभी इनका प्रभाव नहीं होना था। हम सरकार के पास स्पष्ट मांगों के साथ गए हैं। वे अपने हिसाब से चीजें तय नहीं कर सकते। उन्हें हमारी सारी मांगों को सुनना होगा।’’ सिंघु बॉर्डर पर मौजूदा अधिकतर किसान लंबे समय से अपने परिवारों से दूर हैं और नए साल के मौके पर भी दूर रहेंगे, लेकिन उन्हें इससे कोई शिकायत नहीं है। हरजिंदर ने कहा, ‘‘हमें अपने परिवार की याद आ रही है, लेकिन ये किसान भी हमारा परिवार हैं। ये सभी हमारे भाई हैं।’’ जालंधर के निवासी गुरप्रीत हैयर और भटिंडा के रहने वाले प्रताप सिंह ने फैसला किया है कि वह हर साल की तरह इस बार भी नववर्ष के अवसर पर ‘सेवा’ करेंगे, मगर इस बार वे किसान के बीच करेंगे।